पालनहार योजना राजस्थान 2025: विकलांग पालनहार योजना, शुरुआत, पात्रता, लाभ और आवेदन प्रक्रिया
पालनहार योजना राजस्थान एक कल्याणकारी योजना है, जिसे राजस्थान सरकार ने अनाथ, निराश्रित और विशेष परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों (0-18 वर्ष) के पालन-पोषण, शिक्षा और समग्र विकास के लिए शुरू किया है। यह योजना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित होती है और बच्चों को पारिवारिक माहौल में उनके निकटतम रिश्तेदारों या परिचितों (पालनहार) के संरक्षण में रखकर आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस SEO-अनुकूल लेख में, हम पालनहार योजना राजस्थान, विकलांग पालनहार योजना, इसकी शुरुआत, पात्रता, लाभ, और आवेदन प्रक्रिया को विस्तार से समझाएंगे।
पालनहार योजना राजस्थान क्या है?
पालनहार योजना राजस्थान सरकार की एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य अनाथ, बेसहारा और विशेष परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, बच्चों का पालन-पोषण किसी संस्था में न करके परिवार के निकटतम रिश्तेदार या परिचित व्यक्ति (पालनहार) द्वारा किया जाता है। सरकार पालनहार को मासिक और वार्षिक अनुदान देती है, ताकि बच्चे शिक्षा, भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यकताओं के साथ आत्मनिर्भर बन सकें।
योजना की शुरुआत
पालनहार योजना राजस्थान की शुरुआत 8 फरवरी 2005 को की गई थी। प्रारंभ में यह योजना अनुसूचित जाति (SC) के अनाथ बच्चों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन बाद में इसे सभी अनाथ और विशेष श्रेणी के बच्चों के लिए विस्तारित किया गया।
विकलांग पालनहार योजना राजस्थान
विकलांग पालनहार योजना पालनहार योजना का हिस्सा है, जो विशेष रूप से विकलांग माता-पिता की संतानों को लाभ प्रदान करती है। यदि बच्चे के माता-पिता में से कोई एक या दोनों विकलांग हैं और बच्चे की देखभाल करने में असमर्थ हैं, तो वे इस योजना के तहत पात्र हैं।
विशेषताएं
- वित्तीय सहायता:
- 0-6 वर्ष के बच्चों को ₹750 प्रतिमाह (आंगनवाड़ी पंजीकरण अनिवार्य)।
- 6-18 वर्ष के बच्चों को ₹1,500 प्रतिमाह (स्कूल में नियमित पढ़ाई अनिवार्य)।
- ₹2,000 वार्षिक अतिरिक्त अनुदान (कपड़े, जूते, स्टेशनरी आदि के लिए)।
- विकलांगता प्रमाण पत्र: माता-पिता का चिकित्सा विभाग द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र अनिवार्य।
- लक्ष्य: विकलांग माता-पिता के बच्चों को शिक्षा और समग्र विकास के लिए सहायता।
पालनहार योजना के लाभ
पालनहार योजना 2025 में निम्नलिखित लाभ प्रदान करती है:
- वित्तीय सहायता:
- 0-6 वर्ष: ₹750 प्रतिमाह (आंगनवाड़ी में पंजीकरण अनिवार्य)।
- 6-18 वर्ष: ₹1,500 प्रतिमाह (स्कूल/व्यावसायिक शिक्षा में पंजीकरण अनिवार्य)।
- वार्षिक अनुदान: ₹2,000 प्रति बच्चा (कपड़े, जूते, स्वेटर आदि के लिए, विधवा और नाता श्रेणी को छोड़कर)।
- लाभार्थी: 6.5 लाख से अधिक बच्चे इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
- शिक्षा: स्कूल फीस, किताबें, और यूनिफॉर्म के लिए सहायता।
- सामाजिक सुरक्षा: बच्चों को पारिवारिक माहौल में पालन-पोषण, जिससे आत्मनिर्भरता बढ़े।
- विशेष प्राथमिकता: विकलांग, अनाथ, और गंभीर बीमारियों से प्रभावित माता-पिता के बच्चों को प्राथमिकता।
पालनहार योजना की पात्रता
योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
- निवास: बच्चा और पालनहार कम से कम 3 वर्ष तक राजस्थान के निवासी होने चाहिए।
- आय सीमा: पालनहार की वार्षिक आय ₹1.5 लाख से कम होनी चाहिए।
- आयु: बच्चे की आयु 0-18 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- शैक्षणिक शर्त:
- 0-6 वर्ष: आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीकरण।
- 6-18 वर्ष: स्कूल या व्यावसायिक शिक्षा संस्थान में नियमित पढ़ाई।
- पात्र श्रेणियां:
- अनाथ बच्चे (माता-पिता दोनों की मृत्यु)।
- मृत्युदंड या आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे।
- निराश्रित पेंशन प्राप्त विधवा माता की अधिकतम 3 संतानें।
- पुनर्विवाहित विधवा माता की संतानें।
- एचआईवी/एड्स पीड़ित माता-पिता की संतानें (राजस्थान एड्स नियंत्रण सोसाइटी से प्रमाण पत्र)।
- कुष्ठ रोग पीड़ित माता-पिता की संतानें (चिकित्सा विभाग से प्रमाण पत्र)।
- विकलांग माता-पिता की संतानें (चिकित्सा विभाग से प्रमाण पत्र)।
- तलाकशुदा या परित्यक्ता माता की संतानें (तलाक दस्तावेज और शपथ पत्र)।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:
- आधार कार्ड: बच्चे और पालनहार का।
- निवास प्रमाण पत्र: राजस्थान का।
- आय प्रमाण पत्र: पालनहार की आय ₹1.5 लाख से कम।
- मृत्यु प्रमाण पत्र: अनाथ बच्चों के माता-पिता का (यदि लागू)।
- विकलांगता प्रमाण पत्र: चिकित्सा विभाग से (विकलांग माता-पिता के लिए)।
- कुष्ठ रोग प्रमाण पत्र: चिकित्सा विभाग से (यदि लागू)।
- एड्स प्रमाण पत्र: राजस्थान एड्स नियंत्रण सोसाइटी से (यदि लागू)।
- तलाक/परित्याग दस्तावेज: तलाकशुदा माता के लिए तलाक प्रमाण पत्र और शपथ पत्र।
- आंगनवाड़ी/स्कूल प्रमाण पत्र: बच्चे का पंजीकरण/नामांकन प्रमाण।
- भामाशाह/जन आधार कार्ड: पालनहार का (आधार से लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य)।
- बैंक पासबुक: आधार से लिंक।
- पासपोर्ट साइज फोटो: बच्चे और पालनहार की।
पालनहार योजना आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन
- आधिकारिक वेबसाइट: sje.rajasthan.gov.in या jansoochna.rajasthan.gov.in पर जाएं।
- आवेदन फॉर्म: “Palanhar Yojana Application Form” डाउनलोड करें।
- विवरण दर्ज करें: बच्चे और पालनहार की जानकारी, आय विवरण, और बैंक खाता डालें।
- दस्तावेज अपलोड करें: सभी आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करें।
- सबमिट करें: फॉर्म जमा करें और आवेदन संख्या नोट करें।
- सत्यापन: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा सत्यापन के बाद राशि डीबीटी के माध्यम से बैंक खाते में हस्तांतरित होगी।
ऑफलाइन आवेदन
- फॉर्म प्राप्त करें:
- नजदीकी ई-मित्र केंद्र, जिला सामाजिक कल्याण कार्यालय, ग्राम पंचायत, या ब्लॉक विकास कार्यालय से।
- फॉर्म भरें: बच्चे और पालनहार की जानकारी, दस्तावेज संलग्न करें।
- जमा करें: ई-मित्र केंद्र, जिला कार्यालय, या ब्लॉक कार्यालय में।
- रसीद लें: आवेदन की रसीद संभालकर रखें।
वार्षिक सत्यापन
- अनिवार्य: हर वर्ष जुलाई में ई-मित्र केंद्र पर आंगनवाड़ी/स्कूल प्रमाण पत्र अपडेट करें।
- अंतिम तिथि: 2024 के लिए सत्यापन की अंतिम तिथि 31 मई थी।
- परिणाम: सत्यापन न होने पर सहायता राशि रोकी जा सकती है।
स्थिति जांच
- वेबसाइट: jansoochna.rajasthan.gov.in पर “Palanhar Yojana Payment Status” चुनें।
- विवरण दर्ज करें: आवेदन संख्या, आधार नंबर, या जन आधार नंबर।
- सबमिट करें: स्थिति (Approved, Pending, Rejected) देखें।
- हेल्पलाइन: 1800-180-6127 पर संपर्क करें।
FAQs: पालनहार योजना राजस्थान से संबंधित प्रश्न
1. पालनहार योजना कब शुरू हुई?
- 8 फरवरी 2005 को।
2. विकलांग पालनहार योजना क्या है?
- यह पालनहार योजना का हिस्सा है, जो विकलांग माता-पिता की संतानों को ₹750-₹1,500 प्रतिमाह और ₹2,000 वार्षिक सहायता देती है।
3. कितनी राशि मिलती है?
- 0-6 वर्ष: ₹750/माह; 6-18 वर्ष: ₹1,500/माह; ₹2,000/वर्ष अतिरिक्त।
4. आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?
- कोई निश्चित अंतिम तिथि नहीं, लेकिन वार्षिक सत्यापन जुलाई में अनिवार्य।
5. क्या तलाकशुदा माता की संतानें पात्र हैं?
- हां, तलाकशुदा या परित्यक्ता माता की अधिकतम 3 संतानें पात्र हैं।
6. हेल्पलाइन नंबर क्या है?
- 1800-180-6127 या sje.rajasthan.gov.in पर संपर्क करें।
निष्कर्ष
पालनहार योजना राजस्थान 2025 अनाथ, बेसहारा और विशेष परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के लिए एक वरदान है। यह योजना 8 फरवरी 2005 से संचालित हो रही है और विकलांग पालनहार योजना के तहत विकलांग माता-पिता की संतानों को विशेष सहायता देती है। ₹750-₹1,500 प्रतिमाह और ₹2,000 वार्षिक अनुदान से बच्चों का पालन-पोषण, शिक्षा और समग्र विकास सुनिश्चित होता है। यदि आप पात्र हैं, तो sje.rajasthan.gov.in या नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर आवेदन करें। हर वर्ष जुलाई में सत्यापन कराना न भूलें।
इस लेख को अन्य जरूरतमंद परिवारों के साथ साझा करें, ताकि वे भी इस योजना का लाभ उठा सकें। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन से संपर्क करें।
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